वर्तमान शीत लहर के परिप्रेक्य में जन-सामान्य एवं हृदय रोगियों के लिए रोगियों के परामर्श
सर्दी में खून की नसें सिकुड़ जाती हैं। उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति अपने हाथ ठंडे 'पानी में डालता है तो उसके हाथ सफेद हो जाते हैं। इसके विपरीत गुनगुने पानी में हाथ डालने पर हाथ लाल हो जाता है। इससे स्पष्ट है कि शरीर में खून की नसें बाहरी तापमान के लिए अत्यन्त संवेदनशील होती हैं। अतः खून की नसें सिकुड़ने पर ब्लड प्रेशर के रोगियों का ब्लड.प्रेशर जिन दवाओं से सामान्य चल रहा था वह बढ़ना शुरू हो जाता है। इसी प्रकार यदि किसी व्यक्ति के हृदय में खून की नसों में 40 प्रतिशत रूकावट कोलेस्ट्राल जमने के कारण पहले से है,
उसे हृदय रोग के कोई" लक्षण पत्ता नहीं चलेंगे, परन्तु ठंड से उसके हृदय की नस सिकुड़ने से वह रूकावट 70-80 प्रतिशत तक ठंड के समय हो सकती है जो कि उस व्यक्ति में एनजाइना एवं हार्ट-अटैक के रूप में प्रकट हो सकती है। इसके अतिरिक्त लम्बे समय से बार-बार कोविड की लहर के आते रहने के कारण जन सामान्य की एक बहुत बड़ी आबादी का हृदय पहले से ही कमजोर हो सकता है। अतः शीत लहर के दौरान जनता को निम्नलिखित सावधानियाँ बरतने का अनुरोध किया जाता हैः-
क्या करें
1. शरीर को गर्म रखें। इसके लिए टोपी, मफलर, दस्ताना, मोजा और गर्म कपड़े पहने ।
2... गुनगुना पानी पियें ।
3... गर्म कमरे से निकलकर अचानक ठंड में न जायें ।
4... हल्का सुपाध्य भोजन करें। गरिष्ठ भोजन को पचाने के लिए पेट का रक्त संचार बढ़ जाता है और हृदय का रक्त संचार कम हो जाता है जिससे हृदय की समस्यायें बढ़ जाती हैं
5... जिन रोगियों का ब्लड प्रेशर अथवा हृदय रोग का उपचार चल रहा है, उन्हें अपने डाक्टर को दुबारा दिखाकर दवा की खुराक को विनियमित करा लेना लेना चाहिए।
6... डिस्प्रन नामक गोली घर में अवश्य रखें। आकस्मिक परिस्थिति में एक गोली चबाकर गुनगुने पानी से पी लें। यह खून को पतला करती है जिससे हृदयघात की स्थिति में मृत्युकी साम्वना25 प्रतिशत तक कम हो जाती है और रोगी को अस्पताल तक ले जाने के लिए समय मिल जाता है।
7... हृदय रोग संस्थान का हेल्पलाइन नं 7380996666 चौबीस घण्टे उपलब्ध है। इसनम्बर पर डाक्टर द्वारा आकस्मिक परिस्थिति में सहायता प्रदान की जायेगी ।