हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र के बाद अब भाजपा शासित राज्य में भी पुरानी पेंशन पर बातचीत शुरू
चुनाव vs OPS :- 20 लाख वोट का सवाल
कर्नाटक के बाद एक और भाजपा शमित राज्य मध्यप्रदेश भी ओल्ड पेंशन स्कीम यानी ओपीएस की ओर बढ़ रहा है। न्यू पेंशन स्कोम (एनपीएस) वाले प्रदेश के 4 लाख 82 हजार कर्मचारी इस पर लामबंद होने लगे है। शुक्रवार को इस मुद्दे पर जब भास्कर ने सस्कार की ओर से कर्मचारी मामलों को देख रहे सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया से बात को तो उन्होंने कहा कि अब तक 22 कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों से बातचौत हुई झक उनसे ओपीएस से जुड़े जो भी ज्ञापन मिले, उन्हें के लिए सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी ) को भेज दिया है। इसी मामले पर भाजपा पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष (दर्जा कैबिनेट मंत्री) व विधायक गौरीशंकर विसेन ने भास्कर से कहा कि कर्मचारियों को पुरानी पेंशन की हर हाल में बहाली होनी चाहिए। मैंने सरकार से इस बारे में लिचार करने का आग्रह किया है। इस लड़ाई के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
👉 प्रदेश में 6 लाख 70 हजार कर्मचारियों में 4 लाख 82 हजार कर्मचारी nps के तथा केवल 1 लाख 88 हजार कर्मचारी ops के अंतर्गत आते है nps के अंतर्गत 21 हजार करोड़ रुपये जमा किया जा चुका है।
👉 2005 के बाद जॉइन करने वाले कर्मचारी 2035 के बाद ज्यादातर रिटायर होंगे । पेंशन पर सरकार का 500 करोड़ अतरिक्त भार पड़ेगा, अभी इनकी संख्या 2500 के आस पास है
👉 1 जनवरी 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारी नई पेंशन स्कीम के अंतर्गत आते है।